कर्म योगी से लोकप्रिय मुख्यमंत्री - योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 की सरगर्मियां एवं केंद्र सरकार के मुखिया भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की तबातोड़ रैलियों के बाद जो परिणाम आया उससे हम सब लोग भली-भांति परिचित है। वह परिणाम एक सामान्य मतदान के परिणाम से भिन्न उत्तर प्रदेश एवं देश को एक ऐसा कर्म योगी देने वाला था जिसकी कल्पना कोई नहीं कर सकता था।
जी हां योगी आदित्यनाथ एक कर्म योगी। मुख्यमंत्री के पद पर आसीन एक संत जो कि भारत के सबसे बड़ी प्रदेश (आबादी के हिसाब से) को दिन रात एक कर अपने अथक परिश्रम से विकास की नई गति एवं कानून व व्यवस्था का राज स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित है।
विकास को हमेशा समय लगता है ,और सृजन में तो समय लगना अति स्वाभाविक है। तुलना किसी शासन का या व्यवस्थाओं के प्रति संसाधनों का एक समान करना किसी भी प्रकार से उचित नहीं प्रतीत होता है।
2017 से पूर्व शायद प्रदेश में कोई अगर टेंडर या ठीका जारी किया जाता था तो क्या समय से एवं गुणवत्ता पूर्ण तरीके से कार्य पूरा हो पाता था? इस बात पर हमेशा संशय बरकरार रहेगा।
उत्तर प्रदेश में आज योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन में न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण कार्य हो रहे हैं बल्कि उन्हें ससमय पूरा भी किया जा रहा है।
उद्योग के क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में बीते महीने तीसरी ग्राउंटब्रेकिंग सेरेमनी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया है। जिसमें करीब 80,000 करोड रुपए के निवेश प्रस्ताव पर सहमति बनी है।
आज जब विश्व पटल पर उठल पुथल अपने जोरों पर हैं तब भारत के एक संत अपनी पूरी इच्छाशक्ति के साथ उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य के रूप में अग्रसर करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहें हैं।
जनता से सीधा संपर्क एवं मुख्यमंत्री से विशेष लगाव होना ही योगी आदित्यनाथ को अन्य मुख्यमंत्रियों से अलग खड़ा करता है। योगी जी में यह गुण उनके प्रथम सांसद के कार्यकाल से ही निरंतर जारी है, और मुख्यमंत्री बनने के बाद से जनता दरबार इसका जीता जागता उदाहरण है।
एक कुशल प्रशासक एक अच्छा प्रतिनिधि एवं एक आध्यात्मिक जीवन जीने वाले पूज्य गोरख पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ जी स्वयं एवं मर्यादा में रहने वाले व्यक्तित्व के धनी हैं।
जो भी लोग योगी जी को नजदीक से जानते हैं वह लोग अक्सर कहते हैं कि महंत जी का जीवन का एक एक क्षण लोक कल्याण के प्रति समर्पित रहता है, नोएडा जैसे मिथ्या भ्रामक स्थिति को तोड़कर योगी जी ने कई बार खुले मंच से ही अपने संबोधन में यह कहते हुए पाए जाते थे की मैं विकास के काम के लिए प्रदेश के हर एक कोने में जाऊंगा और दोबारा सत्ता में भी वापस आऊंगा, 2022 विधानसभा के नतीजे उत्तर प्रदेश में कई सारे मिथकों भी तोड़ दिया।
अगर उत्तर प्रदेश भारत से अलग होता तो वह आज विश्व के कई विकसित देशों से बड़ा देश होता और ऐसी स्थिति में सबका कल्याण उपर से विभिन्न कोटि, जाति, धर्म, संप्रदाय, मजहब के लोगों में लोकप्रिय बने रहना अपने आप में ही परीक्षा के समान है।
योगी आदित्यनाथ जी महाराज के कड़े कानून व्यवस्था से जरूर ही आपराधिक किस्म के लोगों में भय व्याप्त हो गया नहीं तो भारत में कहां कोई अपराधी अपराध करने के बाद स्वयं ही पुलिस थानों में जाकर आत्मसमर्पण करता था?
उत्तर प्रदेश की जनता को सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से विभिन्न विभागों को लिंक करना और महत्वपूर्ण कामों को एक छत के नीचे से संचालित करना योगी जी के दूरदष्टि को दिखाता है।
लाखों नौजवान योगी जी के शासन से खुश हैं एवं उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आ रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा योगी जी के मॉडल को अन्य प्रदेशों में भी उसकी सराहना की जा रही है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ एक बेहतर से बेहतरीन मुख्यमंत्री किस श्रेणी में अपना स्थान बनाने की ओर तेजी से अग्रसर हैं।
जमीनी हकीकत अगर देखी जाए तो ऐसा लगता है जाने वाले 10 वर्षों तक योगी आदित्यनाथ जी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरे उत्तर प्रदेश पर एक छत्र राज करेगी।
यही बात है कि एक कर्म योगी जनता का मुख्यमंत्री बनने में सफल रहा और 34 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दोबारा मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुआ। वैसे भी नाथ पंथ में एक परंपरा रही है कि जो अपने दीक्षा के समय कुंडल धारण करते वक्त गंभीर मुद्रा में लीन रहता है वही गोरक्षनाथ पीठ का उत्तराधिकारी घोषित किया जाता है। और योगी आदित्यनाथ जी अपने दृढ़ इच्छाशक्ति के लिए विश्वविख्यात हैं इसमें कोई दो राय नहीं है और न होनी चाहिए।
जय हिंद!